चंडीगढ़, 9 फरवरी। हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्र में फिरनी की सड़कों के साथ ही पानी की निकासी के लिए ड्रेनेज-सिस्टम बनाया जाए ताकि सड़के मजबूत रहें और ग्रामीणों को असुविधा का सामना न करना पड़े। आबादी के मध्य में आ चुके पुराने तालाबों को भी प्राथमिकता से साफ करें जिससे पशुओं को पीने के लिए स्वच्छ पानी मिल सके और गंदे पानी से होने वाली बीमारियों से बचा जा सके, इसके लिए प्रदेश के हर गांव की प्रत्येक गली का सर्वे किया जाएगा। सर्वे करने की ड्यूटी ग्राम सचिवों की लगाई जाएगी। ये निर्देश आज हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने विकास एवं पंचायत विभाग तथा ‘हरियाणा जल संसाधन (संरक्षण, विनियमन और प्रबंधन) प्राधिकरण’ के अधिकारियों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश के कई गांवों की गलियां पानी से भरी रहती हैं, इस गंदे की निकासी का कोई स्थायी प्रबंध नहीं है जिसके कारण कई बार लोगों के आपसी झगड़े भी होते हैं। गांव की फिरनी के साथ सड़कें तो बना दी गई हैं परंतु उन सड़कों के पास घरों से निकले गंदे पानी का भराव बना रहता है जिसके कारण वे सड़कें भी जल्दी टूट जाती हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि फिरनी के साथ-साथ पानी की निकासी के पुख्ता प्रबंध किए जाएं।
डिप्टी सीएम ने गांवों के तालाबों का बरसात के दिनों में ओवरफ्लो रोकने तथा हर वर्ष तालाबों की सफाई करने की योजना बनाने के भी निर्देश दिए ताकि ओवरफ्लो के पानी को सिंचाई में प्रयोग किया जा सके। उन्होंने पंचायत विभाग द्वारा गंदे पानी से लबालब तालाबों की सफाई बारे की जा रही कार्रवाई से संबंधित जवाब-तलबी की और इस मामले में हो रही देरी का कारण पूछते हुए काम में तेजी लाने के निर्देश दिए।