शिमला/ब्रिजटाउन (बारबाडोस): बारबाडोस की राजधानी ब्रिजटाउन में 68वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन (Commonwealth Parliamentary Conference) का आज शुभारंभ हुआ। इस सम्मेलन का आयोजन राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (CPA) की कार्यकारी समिति और बारबाडोस संसद के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है।
सम्मेलन में 56 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए हैं, जिनमें भारत की ओर से लोकसभा अध्यक्ष एवं राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र के अध्यक्ष ओम बिरला और हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने प्रतिनिधित्व किया। भारत के विभिन्न राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और वरिष्ठ अधिकारी भी इस प्रतिष्ठित सम्मेलन का हिस्सा बने।
सम्मेलन का आयोजन 8 से 13 अक्टूबर तक चलेगा। शुभारंभ के बाद सभी भारतीय प्रतिनिधि बारबाडोस संसद के मुख्य द्वार पर सामूहिक चित्र के लिए एकत्र हुए।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि राष्ट्रमंडल 56 स्वतंत्र देशों का ऐसा स्वैच्छिक संघ है, जो लोकतंत्र, शांति और विकास जैसे साझा मूल्यों पर आधारित है। इसमें अफ्रीका, एशिया, कैरेबियन, यूरोप और प्रशांत क्षेत्र के देश शामिल हैं — जिनमें उन्नत अर्थव्यवस्थाएं और छोटे द्वीप राष्ट्र दोनों शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि “राष्ट्रमंडल का उद्देश्य सदस्य देशों के बीच सहयोग, संवाद और लोकतांत्रिक संस्थाओं को सशक्त करना है। इसकी जड़ें ब्रिटिश साम्राज्य में हैं, लेकिन आज कोई भी देश स्वेच्छा से इस संगठन का हिस्सा बन सकता है।”
पठानिया बारबाडोस संसद में अपने पहले संबोधन में “लोकतंत्र को समर्थन देने के लिए हमारी संस्थाओं को मजबूत बनाना” विषय पर विचार साझा करेंगे। सम्मेलन के दौरान वे तीन अलग-अलग विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे।
इस अवसर पर हिमाचल विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार और विधानसभा सचिव यश पाल शर्मा भी उपस्थित रहे।


























