मंडी :
नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि हिमाचल की सुक्खू सरकार को FIR करने की सनक सवार हो गई है, और अब तो भूख से व्याकुल बच्चियों तक को नहीं छोड़ा गया।
जयराम ठाकुर ने कहा कि बच्चियों ने सिर्फ खाना मांगा था, लेकिन उन्हें धूप में घंटों बैठाए रखने के बाद उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया गया। यह सरकार की असंवेदनशीलता और तानाशाही रवैये को दर्शाता है।

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य के मुख्यमंत्री अधिकारियों से गलत कार्य करवा रहे हैं और अब खुद उन्हीं फैसलों के फंदे में फंस गए हैं। उन्होंने कहा कि “सरकार हर विरोधी आवाज पर मुकदमा दर्ज कर रही है, जबकि भ्रष्टाचारियों और आपदा में लाभ उठाने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही।”
जयराम ठाकुर ने आपदा राहत कार्यों पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सड़कों पर मलबा उठाए बिना बिल पास कर पैसे निकाले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार आपदा को राहत नहीं, बल्कि लूट का अवसर बना रही है।
उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए 5500 करोड़ रुपये में से केवल 300 करोड़ रुपये ही प्रभावितों तक पहुंचे हैं, बाकी का कोई हिसाब नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वीकृत 1500 करोड़ के विशेष पैकेज का भी सही उपयोग नहीं हो रहा है।
जयराम ठाकुर ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री कई “संदिग्ध अधिकारियों के चंगुल” में फंसे हुए हैं, जिसके कारण प्रशासनिक स्थिति चरमराई हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि “प्रदेश में मुख्य सचिव, डीजीपी और कई प्रमुख पद कार्यवाहक अधिकारियों के भरोसे हैं। यह शासन नहीं, प्रयोगशाला बन गई है।”
अंत में जयराम ठाकुर ने कहा कि तानाशाहों का अंत हमेशा बुरा होता है, और कांग्रेस सरकार को यह याद रखना चाहिए कि जनता सबका हिसाब रखती है।


























