Shimla News : धामी में बरसे पत्थर, हाथ में निकले खून से मां भद्रकाली का तिलक

Picture of Vivek Singh

Vivek Singh

FOLLOW US:

धामी में पत्थर बरसे, मां भद्रकाली को खून से तिलक

समाचार विस्तार:
शिमला: राजधानी से सटे शिमला ग्रामीण के हलोग धामी क्षेत्र में दिवाली के अगले दिन मंगलवार को सदियों पुरानी परंपरा ‘पत्थर के खेल’ का आयोजन हुआ। यह आयोजन ‘खेल का चौरा’ नामक स्थान पर किया गया, जहां घाटी के दोनों ओर से जमोगी और कटेड़ू टोलियों के लोग आमने-सामने आए और पत्थर बरसाने की यह अनोखी पौराणिक परंपरा निभाई गई।

दोपहर चार बजे से 4:40 बजे तक चले इस खेल में कटेड़ू टोली के सुभाष के हाथ में पत्थर लगा, जिसके बाद परंपरा के अनुसार उसके खून से मां भद्रकाली के मंदिर में तिलक किया गया। इसके साथ ही इस वर्ष का पत्थर खेल संपन्न हुआ।

खून से तिलक के बाद ढोल-नगाड़ों की थाप पर सैकड़ों लोग भक्ति और उल्लास में झूमते रहे। कार्यक्रम की शुरुआत राज परिवार के उत्तराधिकारी जगदीप सिंह, पुजारी तनुज और राकेश शर्मा की पूजा-अर्चना से हुई। इसके बाद ढोल-नगाड़ों के साथ शोभा यात्रा निकाली गई, जिसमें पुष्पेंद्र सिंह, दुर्गेश सिंह, रणजीत सिंह, चेतराम, लेख राम, बाबु राम, प्रकाश, हेत राम, प्रकाश नील सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए।

तीन बजकर 40 मिनट पर शोभा यात्रा सती का शारड़ा स्मारक पहुंची, जहां माथा टेकने के बाद आयोजकों के संकेत पर दोनों टोलियों ने पत्थर बरसाना शुरू किया। लगभग 4:40 पर जब सुभाष को चोट लगी, तब आयोजकों ने खेल समाप्त करने का इशारा किया और भद्रकाली मंदिर में पूजा कर परंपरा पूरी की गई।


नर बलि के विकल्प के रूप में शुरू हुई परंपरा
राज परिवार के उत्तराधिकारी जगदीप सिंह ने बताया कि यह परंपरा सदियों पहले मानव बलि के विकल्प के रूप में शुरू की गई थी। कहा जाता है कि राज परिवार की राजमाता ने यह परंपरा इसलिए शुरू की ताकि क्षेत्र पर आने वाले संकटों से रक्षा हो सके। तब से हर वर्ष इस आयोजन में किसी व्यक्ति के खून से मां भद्रकाली को तिलक किया जाता है

कोरोना काल के दौरान भी जब यह आयोजन स्थगित हो गया था, तब जगदीप सिंह ने स्वयं अपने खून से मां भद्रकाली का तिलक कर इस परंपरा को जीवित रखा।

Vivek Singh
Author: Vivek Singh

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

5
पंजाब में आई भयंकर बाढ़ का ज़िम्मेदार आप किसे मानते हैं?

और पढ़ें
हिमाचल प्रदेश
उत्तर प्रदेश
मनोरंजन