बेंगलुरु पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में हुए ‘जूता फेंकने’ की घटना को लेकर वकील राकेश किशोर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यह मामला भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 132 और 133 के तहत दर्ज किया गया है।
यह घटना 6 अक्टूबर को नई दिल्ली स्थित सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट हॉल नंबर 1 में हुई थी, जब मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई और जस्टिस के. विनोध चंद्रन सुनवाई कर रहे थे। आरोप है कि इसी दौरान अधिवक्ता राकेश किशोर ने न्यायाधीशों की ओर जूता फेंका।

घटना के बाद अखिल भारतीय अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष भक्तवचला (73) की लिखित शिकायत पर बेंगलुरु के विधान सौधा पुलिस थाने में यह केस दर्ज किया गया। पुलिस के अनुसार, “एफआईआर को क्राइम नंबर ZERO-0001/2025 के तहत दर्ज किया गया है, क्योंकि घटना थाने के अधिकार क्षेत्र के बाहर हुई थी।”
शिकायत में संघ ने इस घटना को “न्यायपालिका की गरिमा पर हमला” बताया और कहा कि जब यह घटना देश की सर्वोच्च अदालत और मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ हुई है, तो इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
संघ ने पुलिस से तुरंत कार्रवाई की मांग की, कहा—“यह एक गंभीर राष्ट्रीय मुद्दा है, दोषी को कानून के अनुसार कड़ी सजा दी जानी चाहिए ताकि न्यायपालिका की छवि सुरक्षित रहे।”
एफआईआर दर्ज होने के बाद मामला दिल्ली के तिलक मार्ग पुलिस थाने को स्थानांतरित कर दिया गया है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का अधिकार क्षेत्र वहीं आता है।


























