श्री आनंदपुर साहिब, 7 अक्टूबर (अरविंदर सिंह बिंदी):
श्री आनंदपुर साहिब विधानसभा क्षेत्र में पंजाब सरकार का स्वास्थ्य मॉडल पूरी तरह फेल साबित हुआ है। भाई जैता जी सिविल अस्पताल में पिछले एक साल से कोई एसएमओ (सीनियर मेडिकल ऑफिसर) तैनात नहीं है और छह से अधिक विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद खाली पड़े हैं।
यह बात पंजाब भाजपा के पूर्व सचिव एडवोकेट अरविंद मित्तल ने कही। उन्होंने बताया कि रोपड़ जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बेहद खराब है। अस्पतालों में डॉक्टरों के पद खाली हैं जबकि सरकार स्वास्थ्य सुविधाएं देने के बड़े-बड़े दावे करती है।
मित्तल ने कहा कि सरकार जहां श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें प्रकाश पर्व की तैयारियां कर रही है, वहीं गुरु नगरी आनंदपुर साहिब के सरकारी अस्पताल की हालत बेहद खराब है। लोगों को मजबूरन निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है।

उन्होंने बताया कि अस्पताल में आंख, बच्चों, ईएनटी, पैथोलॉजी, गायनी, डेंटल, स्किन और अल्ट्रासाउंड विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं हैं। इतना ही नहीं, कीरतपुर साहिब अस्पताल में भी अब तक कोई आपातकालीन सुविधा या एसएमओ की नियुक्ति नहीं हुई है।
मित्तल ने खुलासा किया कि सरकार ने नंगल अस्पताल में तैनात आंखों के डॉक्टर को चमकौर साहिब स्थानांतरित कर दिया, और आंखों के इलाज से जुड़ी मशीनरी भी वहां शिफ्ट कर दी गई है। इसका मतलब है कि नंगल और आनंदपुर साहिब के अस्पतालों में अब आंखों के इलाज की सुविधा पूरी तरह बंद हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि सरकार अखबारों और सोशल मीडिया के जरिए जनता की आंखों में धूल झोंक रही है, जबकि जमीनी स्तर पर हालात बेहद खराब हैं।
मित्तल ने बताया कि इस संबंध में पंजाब भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा जाएगा, ताकि डॉक्टरों की कमी को पूरा किया जा सके और जो मशीनरी चमकौर साहिब भेजी गई है, उसे वापस नंगल और आनंदपुर साहिब अस्पतालों में लाया जाए।
उन्होंने मांग की कि नंगल, श्री आनंदपुर साहिब और कीरतपुर साहिब के अस्पतालों में स्टाफ की कमी तुरंत पूरी की जाए, ताकि आम जनता को सरकारी अस्पतालों में ही उचित इलाज मिल सके।


























