शिमला। हिमाचल प्रदेश में आगामी पंचायत चुनाव फिलहाल टाल दिए गए हैं, लेकिन पंचायत जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जाएगा। सरकार के फैसले के अनुसार, पंचायत प्रधानों और उपप्रधानों का कार्यकाल खत्म होने के बाद पंचायतों से जुड़ा पूरा काम अब पंचायत सचिवों के जिम्मे रहेगा।
प्रदेश की सभी 3577 पंचायतों, 12 जिला परिषदों और 91 पंचायत समितियों के चुनाव होने हैं। सरकार ने यह निर्णय मानसून आपदा के कारण लिया है, जिसमें राज्य को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था। मौजूदा पंचायत प्रतिनिधियों का पांच साल का कार्यकाल 23 जनवरी 2025 को समाप्त हो रहा है। यदि तब तक चुनाव नहीं हुए, तो पंचायतों का सारा प्रशासनिक कार्य सचिवों द्वारा संभाला जाएगा।
हाल ही में पंचायत चुनाव नियमों में कुछ बदलाव किए गए थे, जिनमें नामांकन प्रक्रिया और चुनावी चरणों को लेकर संशोधन शामिल है। पहले उपायुक्तों को रोस्टर तैयार करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन अब चुनाव स्थगित कर दिए गए हैं।
मुख्य सचिव ने डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत पंचायत चुनाव स्थगित करने का आदेश जारी किया है। वहीं, राज्य चुनाव आयोग ने पंचायतों, नगर निकायों और निगमों की मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
आयोग के अनुसार, 8 से 17 अक्टूबर तक लोग अपना नाम जोड़ सकते हैं, गलतियां ठीक करा सकते हैं या आपत्तियां दर्ज कर सकते हैं। इन आपत्तियों का निपटारा 27 अक्टूबर तक होगा। अगर कोई व्यक्ति आयोग के निर्णय से असहमत है, तो वह 3 नवंबर तक अपील कर सकता है। इन अपीलों पर अंतिम निर्णय 10 नवंबर तक होगा और 13 नवंबर को अंतिम वोटर सूची जारी की जाएगी।


























