कांग्रेस ने कहा, 2014 के बाद पारदर्शिता पर पड़ा आघात
स्टाफ रिपोर्टर — शिमला।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह सूचना के अधिकार (RTI) में संशोधन कर इसे लगातार कमजोर कर रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने देश के नागरिकों को पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आरटीआई की सौगात दी थी, ताकि हर नागरिक किसी भी सरकारी विभाग से समयबद्ध सूचना प्राप्त कर सके।
शिमला स्थित राजीव भवन में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए प्रतिभा सिंह ने कहा कि कांग्रेस आज देशभर में आरटीआई के 20 वर्ष पूरे होने पर इसके महत्व और योगदान को जनता तक पहुंचा रही है।
रजनी पाटिल बोलीं — कांग्रेस ने अधिकार आधारित शासन की नींव रखी
अखिल भारतीय कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य और प्रदेश मामलों की प्रभारी सांसद रजनी पाटिल ने कहा कि 12 अक्तूबर 2005 को तत्कालीन प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह के नेतृत्व और सोनिया गांधी के मार्गदर्शन में देश को सूचना का अधिकार अधिनियम मिला था।
उन्होंने बताया कि यह कानून यूपीए सरकार के अधिकार आधारित एजेंडे की पहली कड़ी थी, जिसके तहत
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मनरेगा (2005)
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वन अधिकार अधिनियम (2006)
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शिक्षा का अधिकार (2009)
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भूमि अधिग्रहण में उचित मुआवजा अधिनियम (2013)
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राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (2013)
लागू किए गए।
रजनी पाटिल ने कहा कि इन सभी कानूनों का उद्देश्य नागरिकों को सशक्त बनाना और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करना था।
2014 के बाद कमजोर हुआ RTI — कुलदीप राठौर
कांग्रेस प्रवक्ता और ठियोग के विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि 2014 के बाद केंद्र सरकार ने आरटीआई में कई संशोधन किए, जिनसे इसके मूल उद्देश्य को नुकसान पहुंचा है।
उन्होंने कहा कि इससे देश में लोकतांत्रिक पारदर्शिता और जवाबदेही पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।


























