शिमला। हिमाचल प्रदेश में प्राइमरी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को मर्ज करने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी की बैठक जल्द बुलाई जा रही है, जिसमें अब तक शिक्षा विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के बीच हुई बैठकों का ब्यौरा मांगा गया है। इस रिपोर्ट के बाद कैबिनेट स्तर पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
भारत सरकार ने भी प्री-स्कूल एजुकेशन और पोषाहार कार्यक्रम को एक ही जगह चलाने पर जोर दिया है। इसके तहत हिमाचल में अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन सिस्टम को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुसार लागू किया जाएगा। इस दिशा में 10 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है, जिसमें एडिशनल डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन को मेंबर सेक्रेटरी नियुक्त किया गया है।
राज्य में वर्तमान में लगभग 18,925 आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जिनमें से 2,716 पहले से ही स्कूल परिसरों में संचालित हो रहे हैं। वहीं, 10,000 से अधिक केंद्र किराए के भवनों में चल रहे हैं, जिन्हें अब गांव के स्कूलों में स्थानांतरित करने की योजना है। इन केंद्रों में 2.85 लाख से अधिक लाभार्थी पंजीकृत हैं, जिनमें डेढ़ लाख से ज्यादा बच्चे हैं।
सरकार की योजना है कि सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को “आंगनबाड़ी सह प्री-स्कूल” के रूप में नामित किया जाए। मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में यह घोषणा की थी कि इन केंद्रों में एससीईआरटी सोलन द्वारा विकसित पूर्व प्राथमिक पाठ्यक्रम के तहत शिक्षा दी जाएगी।


























