बिहार चुनाव 2025: घुसपैठ के दावे फेल, 95% आबादी के पास नहीं है अपना वाहन

पटना, 6 अक्टूबर: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है। चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी।
घुसपैठ मुद्दे की हकीकत
चुनाव आयोग की विशेष सारांश (एसआईआर) प्रक्रिया के दौरान बिहार में एक भी विदेशी घुसपैठिया नहीं पाया गया। यह जानकारी चुनाव आयोग की ओर से स्वीकार की गई है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने चुनावी भाषणों में घुसपैठ के खतरे को बड़ा मुद्दा बना रहे थे।
बिहार की आर्थिक स्थिति के चौंकाने वाले आंकड़े
रवीश कुमार की रिपोर्ट के अनुसार:
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94 लाख परिवार ₹6,000 प्रति माह से कम कमाते हैं
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95.49% आबादी के पास कोई निजी वाहन नहीं
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अनुसूचित जाति के 97.83% लोगों के पास वाहन नहीं
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OBC समुदाय के 94.95% लोग गाड़ी विहीन
चुनावी तिथियां और प्रक्रिया
पहले चरण में 6 नवंबर को 16 जिलों में मतदान होगा, जबकि दूसरे चरण में 11 नवंबर को 22 जिलों में मतदान होगा। चुनाव आयोग ने इस बार वोटर्स के लिए मोबाइल जमा करने की नई व्यवस्था भी की है।
वोटर लिस्ट विवाद
एसआईआर प्रक्रिया में 69.30 लाख मतदाताओं के नाम काटे गए, हालांकि विपक्ष की कड़ी लड़ाई के बाद यह संख्या 1.5 करोड़ तक होने से रोकी जा सकी। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं के बाद आधार को मान्यता देनी पड़ी।
राजनीतिक संदर्भ
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 20 साल के शासन का आकलन इस चुनाव में मुख्य मुद्दा होगा। चुनाव घोषणा से ठीक पहले महिलाओं के खाते में ₹2,100 करोड़ भेजे जाने को भी चुनावी रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है।
यह चुनाव बिहार की जनता के लिए विकास, रोजगार और गरीबी जैसे मुद्दों पर केंद्रित है, न कि सिर्फ घुसपैठ जैसे विवादित मुद्दों पर।
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